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श्रीवास्तव, मीनाक्षी. 2006. “भक्ति आन्दोलन को मीरा का अवदान” – मीरा का मूल्यांकन – सम्पादक – अरुण चतुर्वेदी पंचशील, श्याम प्रकाशन, जयपुर
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श्रीवास्तव, मीनाक्षी. 2006. “नारी विमर्श और प्रेमचन्द्र” – प्रेमचन्द्र और हमारा समय – सम्पादक – हिन्दी विभाग,वनस्थली विद्यापीठ
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श्रीवास्तव, मीनाक्षी. 2006. “भक्ति आन्दोलन को मीरा का अवदान” – जीवन समाज और कविता विषय पर मोहनलाल – सम्पादक - सुखाड़िया विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग तथा देवस्थान विभाग, राजस्थान के संयुक्ततत्वाधान में मीरा के पंचशती समारोह वर्ष में आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी के अवसर पर प्रकाशित ‘मीरा का मूल्यांकन’
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डॉ0 आद्या. 2006, ‘कथा एशिया इण्टरनेशनल उत्सव’ नई दिल्ली ।
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5.
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डॉ आद्या. फरवरी 2006, ‘गोदान और मानवतावाद- सहसंयोजक का भूमिका का निर्वाह’ - ‘प्रेमचन्द और हमारा समय राष्ट्रीय संगोष्ठी’ हिन्दी विभाग, वनस्थली विद्यापीठ ।
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6.
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श्रीवास्तव, मीनाक्षी. 2005. “खानाबदोश ज्ञिन्दगी का जीवन्त दस्तावेज्ञ” – कब तक पुकारुँ – सम्पादक – वर्तमान साहित्य, अलीगढ़
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7.
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श्रीवास्तव, मीनाक्षी. 2005.“वॉनगो और निराला” डॉ अन्नपूर्णा शुक्ला – वनस्थली विद्यापीठ में पुस्तक विमोचन के अवसर पर पत्र-वाचन – राजस्थान हिन्दी ग्रन्थ अकादमी, जयपुर
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8.
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श्रीवास्तव, मीनाक्षी. 2005. “बिंधे हुए रिशते” – राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित - प्रकाशक साहित्यागार, चौड़ा रास्ता, जयपुर ।
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श्रीवास्तव, मीनाक्षी. 2005. “राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत” – चरण साहित्य में नारी - इतिहास विभाग, वनस्थली विद्यापीठ ।
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डॉ आद्या. जनवरी 2005 - ‘मीराँ काव्य और लोक तत्व’ - नेशनल सेमिनार ऑन कल्चरल हेरीटेज ऑफ राजस्थान इतिहास विभाग वनस्थली विद्यापीठ ।
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डॉ आद्या. फरवरी 2005 - ‘पत्रकारिता एवं जन संचार शब्दावली’ कार्यशाला, वैज्ञानिक तथा तकनीकि शब्दावली आयोग मानव संसाधन विकास मंत्रालय चौ0 चरण सिंह विश्व विद्यालय, मेरठ ।
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डॉ आद्या. मार्च 2005 - ‘समकालीन साहित्य के महत्वपूर्ण विमर्श’ - हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग 57 वाँ अधिवेशन हैदराबाद, आंध्र प्रदेश ।
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डॉ आद्या. 2005, ‘रांगेय राघव का कथा-जगत’ – वर्तमान साहित्य ।
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श्रीवास्तव, मीनाक्षी. 2004. “समकालीन कथा- साहित्य में नारी विमर्श” - सीमाएँ और संभावनाएँ – हिन्दी विभाग वनस्थली विद्यापीठ।
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डॉ आद्या. फरवरी 2004 ‘ हिन्दी कथा साहित्य में स्त्री विमर्शः सीमायें व संभावनायें’, राष्ट्रीय संगोष्ठी हिन्दी विभाग वनस्थली विद्यापीठ ।
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डॉ आद्या. मार्च 2004 -‘कला और सृजनशीलता’- नेशनल सेमिनार ऑन ग्लोबलाइजेशन आर्ट बिजुअल आर्ट विभाग, वनस्थली विद्यापीठ।
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डॉ आद्या. मार्च 2004 - ‘ साहित्य की परम्परायें और नई चुनौतियां’ - हिन्दी साहित्य सम्मेलन (प्रयाग) का 56 वाँ वार्षिक अधिवेशन पुणे, महाराष्ट्र ।
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डॉ आद्या. सितम्बर 2004 - कार्यशालाः ‘ बहुलता वादी संस्कृति और लोकतांत्रिक शिक्षा’ राजस्थान राष्ट्र भाषा प्रचार समिति जयपुर तथा समाज विज्ञान अनुसंधान केन्द्र राजस्थान विश्व विद्यालय ।
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डॉ आद्या 15-16 जुलाई 2001 – ‘संस्कृत साहित्य में नारी स्वरुप’ - अखिल भारतीय साहित्य परिषद्, अखिल भारतीय नारी साहित्यकार सम्मेलन, जयपुर ।
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डॉ आद्या. सितम्बर 2000 – ‘साहित्य शिक्षण और उसका माध्यम’ - अखिल भारतीय संस्कृत संगोष्ठी, वनस्थली विद्यापीठ
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डॉ आद्या. 1999 ‘ नेशनल कांफ्रेस ऑफ दण्डियनमैनेजमेंट फॉर नेशन बिल्डिंग’, विजडम वनस्थली विद्यापीठ ।
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श्रीवास्तव, मीनाक्षी. 1998 . “गोदान और राग दरबारी में कथानक” – वक्रता (एक तुलनात्मक अध्ययन)
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श्रीवास्तव, मीनाक्षी. 1997. “प्रेमचन्द के उपन्यास” – कथा संरचना, यूनिक ट्रेडर्स, चौड़ा रास्ता, जयपुर ।
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डॉ आद्या. 1977 , ‘मनुष्य और दर्शनशास्त्र’ कौमुदी, हिन्दी परिषद, हिन्दी विभाग इलाहाबाद विश्वविद्यालय,इलाहाबाद ।
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डॉ आद्या. 1977, ‘प्रशासनिक पद एवं महिलायें’, मेंग्जीन, सरोजनी नायडू छात्रावास इलाहाबाद विश्वविद्यालय
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श्रीवास्तव, मीनाक्षी. “नारी चेतना के परिप्रेक्ष्य में” – सांस्कृतिक यथार्ध के कथाकार विजय जोशी – प्रो0 प्रेमचन्द विजयवर्गीय प्रकाशक, साहित्यागार चौड़ा रास्ता, जयपुर (यंत्रस्थ) ।
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श्रीवास्तव, मीनाक्षी. “कहानीकार विजयजोशी और उनकी कहानी-कला सांस्कृतिक यथार्ध के कथाकार” – प्रो0 प्रेमचन्द विजयवर्गीय, प्रकाशक साहित्यागार, जयपुर
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