Gyanjot
Fri, Jun 1 2007
IT अनुप्रयोग, स्वरोजगार तथा महिला सशक्तिकरण
का राज्यव्यापी प्रशिक्षण “ज्ञानजोत” सम्पन्न।
राजस्थान सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी व संचार विभाग तथा वनस्थली विद्यापीठ द्वारा संयुक्त रुप से आयोजित ज्ञानजोत प्रशिक्षण पूरे राज्य में सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। इस प्रशिक्षण में राज्य की लगभग 1600 महिलाओं को कम्प्यूटर अनुप्रयोग, इन्टरनेट, स्वरोजगार, उद्यमिता, व्यक्तित्व विकास तथा महिला सशक्तिकरण का गहन प्रशिक्षण दिया गया।

डूंगरपुर की कलेक्टर सुश्री मंजू राजपाल ने महिलाओं ज्ञान सशक्तिकरण की पहली सीढ़ी
को सशक्तिकरण की महत्ता बताई
प्रशिक्षण का आरम्भ टोंक जिले से किया गया था। इसके बाद राजस्थान के सभी जिलों में सफलतापूर्वक इसे चलाया गया। इसका समापन वनस्थली विद्यापीठ में 31 मई, 2007 को हुआ। प्रशिक्षणार्थियों को विद्यापीठ के अध्यक्ष प्रो0 दिवाकर शास्त्री ने भी सम्बोधित किया। उन्होंने राज्य भर से आयी महिलाओं को उनके कैरियर से जुड़े इस प्रशिक्षण को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए बधाई दी तथा भविष्य के लिए शुभकामना दीं।
विद्यापीठ की मंत्री व कोषाध्यक्ष प्रो0 चित्रा पुरोहित ने प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण-पत्र प्रदान किये। उन्होंने कहा कि महिलाओं ने अपने जीवन की राह स्वंय बनाने की चुनौती स्वीकारी है अतः उन्हें अपने व्यक्तित्व के सभी पहलुओं को निखारकर सशक्तिकरण की दिशा में बढ़ना चाहिए।
अजमेर जिले में कुछ प्रशासकीय कारणों से संभाग स्तरीय प्रशिक्षण आयोजित नहीं किया जा सका अतः अजमेर संभाग की महिलाओं को यह प्रशिक्षण टोंक में दिया गया।
ज्ञानजोत प्रशिक्षण 3 चरणों में विभाजित था। प्रथम चरण में प्रत्येक जिले से 50 महिलाओं को चुनकर ज्ञान आधारित स्वरोजगार की संकल्पना की समझ दी गयी। यह 5 दिवसीय प्रशिक्षण सरकार द्वारा स्थापित जिला कम्प्यूटर प्रशिक्षण केन्द्रों पर आयोजित हुए। अधिकांश स्थानों पर इस आयोजन में जिला कलेक्टरों का विशेष सहयोग प्राप्त हुआ। ई-मित्र सोसाइटी के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने इस कार्यक्रम में महिलाओं का मार्गदर्शन किया। जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबन्धकों ने भी शिक्षित महिलाओं को व्यवसायोपयोगी जानकारी दी।
जिला स्तर पर चयनित महिलाओं को संभाग मुख्यालय पर पुनः 5 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण दिया गया जिसमें स्वरोजगार स्थापना एवं समस्या समाधान का समावेश था। अंत में सम्पूर्ण राजस्थान से चुनी गयी लगभग सौ से अधिक महिलाओं को वनस्थली विद्यापीठ में व्यक्तित्व विकास, व्यवसाय कौशल तथा सशक्तिकरण का 7 दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। उन्हें कियोस्क संचालन, टैक्सटाइल डिजाइन, फैशन तकनीक, डी.टी.पी. सेन्टर, कोचिंग केन्द्र, सूचना केन्द्र, परामर्श डेस्क तथा निर्देशन केन्द्र आदि की स्थापना के व्यावहारिक पक्ष से परिचित कराने हेतु विशेषज्ञों का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। उन्हें सूचना प्रौद्यौगिकी प्रयोगशालाओं में कार्य करने का व्यापक अवसर भी प्राप्त हुआ। इन महिलाओं द्वारा स्वरोजगार हेतु प्रायोजनाएं भी तैयार की गयी हैं जिन पर व्यावहारिक कार्य उनके द्वारा किया जा रहा है।
विद्यापीठ के निदेशक प्रो0 आदित्य शास्त्री के मार्गदर्शन में संचालित इस प्रायोजना को NASSCOM ने भी मान्यता दी और प्रशिक्षणार्थियों के लिए NAC परीक्षण का विशेष आयोजन किया गया। इस प्रायोजना की मुख्य अन्वेषक आपाजी संस्थान की डीन प्रो0 रेखा गोविल हैं।
इस त्रि- स्तरीय प्रशिक्षण में विद्यापीठ के आपाजी संस्थान, महिला विकासोन्मुख प्रबन्धन ज्ञानपीठ तथा महिला अध्ययन केन्द्र का विशेष सहयोग रहा। यहां के कार्यकर्ताओं ने सम्पूर्ण प्रशिक्षण का विभिन्न स्तरों पर निष्पादन किया।
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